पानीपत का ‘द बर्निंग कार’ हादसा: कौन किस का बेटा, DNA रिपोर्ट से होगा फैसला; एक ही चिता पर हो सकता तीनों का अंतिम संस्कार

0
254
Quiz banner

[ad_1]

पानीपत44 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

हरियाणा के पानीपत जिले में रोहतक नैशनल हाईवे पर गांव इसराना स्थित नई अनाजमंडी के पास कट पर शुक्रवार दोपहर आई-20 कार में आग लगने से तीन युवक जिंदा जलकर मर गए थे। तीनों युवक इस तरह जिंदा ही जल गए थे कि मात्र कंकाल बचे। कौन-सा शव किसका है, पहचानना भी मुश्किल हो गया है। हालांकि हादसे का शिकार हुए तीनों लोगों की देर शाम शिनाख्त हो गई, लेकिन शवों की पहचान के लिए पूरा दारोमदार डीएनए रिपोर्ट पर आकर टिक गया है।

Advertisement

वहीं आज तीनों शवों का पोस्टमार्टम होगा। पोस्टमार्टम के दौरान शवों से लिए गए विसरा और डीएनए सैंपल जांच के लिए मधुबन लैब भेजे जाएंगे, जिनकी रिपोर्ट आने में 4 से 6 महीने का समय लग सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि जब पुलिस पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंपेगी तो बिना पहचान किस शव का संस्कार किस परिवार के द्वारा किया जाएगा। यह प्रश्न तीनों शोकग्रस्त परिवारों को काफी दुविधा में डाल रहा है।

शवों की डीएनए रिपोर्ट से होगी पहचान।

शवों की डीएनए रिपोर्ट से होगी पहचान।

एक चिता पर तीनों के संस्कार के लगाए जा रहे कयास
ऐसा माना जा रहा है कि परिवारों की आपसी सहमति से शायद तीनों ही शवों का एक चिता में अंतिम संस्कार किया जाएगा। संबंधित परिवार बारी-बारी से मुखाग्नि देंगे, ताकि किसी के मन में यह अफसोस न रहे कि वह अपने हाथों से मृतक परिजन का अंतिम संस्कार नहीं कर सके। तीनों पीड़ित परिवार आपस में बैठकर क्या फैसला लेंगे, इस पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। बहरहाल मामले में न केवल तीनों परिवारों में मातम छाया है, बल्कि रिश्तेदार व सगे संबंधी भी पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने के लिए दौड़ पड़े हैं।

हादसे में आग का गोला बन गई थी कार।

हादसे में आग का गोला बन गई थी कार।

आग का गोला बनी थी कार, अंदर मिले थे महज कंकाल
बता दें कि शुक्रवार की दोपहर करीब सवा 12 बजे इसराना स्थित नई अनाज मंडी के कट पर मुड़ रहे बंद बॉडी के कंटेनर की साइड में लगी स्टपनी से आई-20 कार ओवरटेक करते समय टकरा गई थी। हादसे में सीएनजी चलित कार नम्बर एचआर-10एसी-5675 में भयंकर आग लग गई। आग लगने से कार लॉक हो गई थी, जिसके चलते उसमें सवार लोग बाहर नहीं निकल पाए तथा तीन लोग जिंदा जल गए। करीब 45 मिनट तक गाड़ी धू-धू कर जलती रही। आसपास के लोगों ने अपने स्तर पर आग बुझाने के काफी प्रयास किए, लेकिन जब तक आग पर काबू पाया गया तो अंदर शवाें के नाम पर महज कंकाल ही बचे थे। गाड़ी सोनीपत निवासी अजय पुत्र सतपाल के नाम पर रजिस्टर्ड है।

2017 में फैक्टरी में जिंदा जल गए थे 2 मजदूर
वर्ष 2017 में 30 दिसम्बर को एक एक्सपोर्ट फैक्टरी में हुए भीषण अग्निकांड में दो मजदूर सोनू व नंदू जिंदा जल गए थे। हादसा इतना भयंकर था कि जिंदा जले दोनों मजदूरों के शवों की बजाय 11 दिन बाद कुछ हड्डियां ही घटनास्थल से बरामद सकी थीं, जिन्हें पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के बाद पीड़ित परिवारों को सौंप दिया था। तब भी पीडि़त परिवारों के सामने यह प्रश्न पैदा हुआ था कि किस श्रमिक की कौन-सी हड्डियां हैं। बाद में दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से हड्डियों को आपस में बांटते हुए अंतिम संस्कार की क्रियाएं पूरी की थीं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here