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- In OPD, 35 To 40 Children Suffering From Diarrhea Are Reaching Daily, Due To Wheat Harvesting, Many Are Also Troubled By Cough, Asthma And Allergies.
कैथल4 घंटे पहले
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ओपीडी में बच्चे की जांच करते बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. अनिल अग्रवाल।
बदलते मौसम व खानपान से बच्चे डायरिया का शिकार हो रहे हैं। जिला नागरिक अस्पताल में ओपीडी में रोजाना 35 से 40 बच्चे उल्टी व दस्त की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से ये आंकड़ा और बढ़ा है। बच्चे उल्टी व दस्त के साथ-साथ पेट में दर्द व बुखार से भी परेशान हैं। इसका सबसे बड़ा कारण समय से पहले पड़ रही गर्मी व हमारा खानपान है। गर्मी में ज्यादा देर तक बाहर रहने, फास्ट फूड व बासी खाना खाने के साथ साथ साफ-सफाई नहीं रखने से बच्चे डायरिया की चपेट में आ रहे हैं।
वहीं गेहूं कटाई व बदलते मौसम से बच्चे ही नहीं बड़े भी बीमार पड़ रहे हैं। फिजिशियन के पास ज्यादातर मरीज खांसी, जुकाम, एलर्जी व बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। जल्द ही बड़ों में भी ये स्थिति डायरिया में बदल सकती है। क्योंकि लोग तेजी से बदले मौसम के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। वे न तो खानपान का ध्यान रख रहे हैं और गेहूं के सीजन के कारण न गर्मी व प्रदूषण से बच पा रहे हैं।
एक्सपर्ट की राय…खानपान का ध्यान रखें व गर्मी में बाहर न निकलें, लिक्विड भी ज्यादा लें
बच्चों को गर्मी से बचाएं खानपान का भी ध्यान रखें : डॉ. अनिल
समय से पहले पड़ रही तेज गर्मी से बच्चे डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। ओपीडी में करीब 20 प्रतिशत बच्चे उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। बदलते मौसम को परिजन भी गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसका ही परिणाम है कि बच्चे इसका शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए बच्चों को बार-बार साबुन से हाथ धोने की आदत डलवाएं, सफाई का विशेष ध्यान रखें, धूप में बाहर न निकलें, पानी उबालकर या आरओ का ही पीएं, फास्ट फूड व बासी खाना इस मौसम में न खाएं। बच्चों को अधिक से अधिक मात्रा में लिक्विड दें और ताजा फल खाने को दें। जिन्हें उल्टी-दस्त हैं वे इसको हलके में न लें और डाॅक्टर से जांच करवाएं। -डाॅ. अनिल अग्रवाल, बाल रोग विशेषज्ञ।
डायरिया पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर
डायरिया को हिंदी में दस्त भी कहते हैं। ये पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर है। ये समस्या होने पर मल पानी की तरह पतला होता है। डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। डायरिया होने पर कई तरह के कॉमन लक्षण नजर आते हैं। जैसे जी मिचलाना, पेट में मरोड़, लूज मोशन, सूजन, डिहाइड्रेशन, बुखार व मल में खून आना। वहीं शिशुओं में होने वाले डायरिया को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। अगर कम पेशाब होना, मुंह का सूखना, सिरदर्द, थकान, तेज बुखार, मल में खून या मवाद आना, काला मल, चिड़चिड़ापन, सुस्ती, अधिक नींद आना व धंसी हुई आंखें जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डाॅक्टर से सलाह लें।
इधर…अस्पताल में इंफेक्शन जांचने की मशीन ही खराब
बदलते मौसम, गेहूं की कटाई के सीजन व खानपान के कारण ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं। असल में इन्हें किसी न किसी तरह का इंफेक्शन हो जाता है। लेकिन जिला नागरिक अस्पताल में इंफेक्शन को जांचने के लिए और सबसे सामान्य टेस्ट सीबीसी की जांच करने वाली मशीन पिछले करीब एक माह से खराब पड़ी है। मशीन का महत्व इसी से समझ सकते हैं कि 100 में से हर 65 मरीजों को सीबीसी जांच करवाने के लिए कहा जाता है। लेकिन मशीन खराब होने से मरीजों में कितना इंफेक्शन है यह पता ही नहीं चल पाता और चिकित्सा उन्हें अंदाजे से दवाइयां देकर ठीक कर रहे हैं।
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